अब तक अपने पढ़ा की रोहित को उसकी माँ का पत्र मिलता है वह उसको पढ़ा ना सुरु करता है। पत्र में लिखा था की "मेरे प्यारे बेटे रोहित तुजे यह पत्र मिला इसका मतलब में इस दुनिया से जा चुकी हु. तु सोचता होगा की मेने यह फैसला क्यों लिया ? उस फैसले के पीछे कोई जिमेदार नहीं है। यह फैसला मेने अपने पुरे होशोहवास में किया है. में बचपन से ही जानती थी के तु चांदनी को पंसद करता हे, पर उस वक्त के हालात कुछ और थे अब कुछ और है जब तूने बताया की तु चांदनी से प्यार करता है तोह में बहुत खुश थी तेरे फैसले से क्योंकि चांदनी बहुती अछि और गुणी लड़की थी। इसलिये में उसके घर तेरी शादी की बात लेके गई तब उसकी माँ ने एक शादी केलिए एक सरत रखी की शादी के बात तुजे घरजमाई बनकर रहना पड़ेगा। उनोने मुझे समजाते हुए कहा की "तु मुझ गलत समझना शांतिबेन इस दुनिया में मेरी बेटी के अलावा इस दुनिया में कोई नहीं है ". तब मुझ उनकी हालात समझ में आए क्योकि में भी कभी उस वक्त से गुजरी थी। पर में जानती की जब तुजे उनकी शर्त का पता चलेगा तु शादी के लिए मना कर देगा ,जो में नहीं चाहती थी इसी लिये मेने यह कदम लिया। रोहित बेटा मेरी तुजसे आखरी ख्वाइस है की तु चाँदनी बहु और उसकी माँ को माफ़ कर देना क्योकि इसमे उनकी कोई गलती नहीं है,गलती सिर्फ बदलते वक्त की हे और को मेरी मोत की बजे कभी नहीं पता चलनी चाही हे। वादा कर मुझसे। तु और मेरी बहु हमेशा खुश रहो यही मेरा आशीर्वाद है. " तुमारी माँ शांतिबेन।
पत्र पढने के बाद रोहित बहुत ही भावुक हो गया और अपनी माँ की आखरी इच्छा पालन करता रहा।
पत्र पढने के बाद रोहित बहुत ही भावुक हो गया और अपनी माँ की आखरी इच्छा पालन करता रहा।
THE END
इस कहानी से हमें यह शिक मिलती हे की जीवन में केसा भी बुरा वक्त आई दुनिया के सारे रिश्ते-नाते वक्त के साथ बदल सकते है पर माँ का रिश्ता कभी नहीं बदलता। एक बेटा कभी स्वार्थी हो सकता है पर माँ कभी नहीं हो सकती। So always respect your mother and make her happy all time.
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