Some Love Story,Don't have Happy Ending

आज में आपको एक कहानी बताने जा रहा हु। इस कहानी की सुरुआत भारत की राजधानी डेल्ही से हुई है। राकेश नाम का एक मसूर डॉक्टर था और उनको एक १८ साल की बेटी थी जिसका नाम जैस्मिन था। जैस्मिन माँ अभिलासा ,जैस्मिन को जन्म देकर ही मर गई। पर राकेश ने जैस्मिन को माँ की कमी कभी महसुस नहीं होने दी। जैस्मिन भी अपने पापा से बहुत प्यार करती थी। जैस्मिन १२ वी में अच्छे नंबरो से पास हो गई और उसको डेल्ही के एक बड़े कॉलेज में अड्मिनशन मिल गया। एक दिन उसकी क्लास में एक लड़का आया जिसका नाम रोहित था और उसे देखर ही जैस्मिन को प्यार हो गया और लड़का भी जैस्मिन को देखता ही रह गया। वेलेंटाइन डे के दिन रोहित जैस्मिन को प्रपोस करता है और जैस्मिन उसको हां कहती है।



यह बात वह अपने पाप को बताती है तब उसके पापा डॉ.राकेश उसको बड़ेहि प्यार से समजाते है की उसको अभी अपने कैरियर पर धयान देना चाहिए और इन सब में टाइम ख़राब नहीं करना चाहिए। अपने पापा की बात सुन कर जैस्मिन बहुत दुखी और अपने पापा के प्रति गुस्सा हो जाती है। अपने पापा से बहुत प्यार करने की वजह से जैस्मिन उनकी बात मान लेती है और रोहित को भूल जाती है। कुछ समय महीने बाद जैस्मिन को किसी काम के डॉक्यूमेंट की जरुरत पड़ती है तोह वोह अपने पापा की अलमारी देखती है डॉक्यूमेंट देखते देखते उसको एक लिफाफा मिलता है और उसे वह खोल कर देखती है। उसमे उसके पापा राकेश और उसकी माँ अभिलासा के तलाक के पेपर होते है जैस्मिन उनके तलाक की डेट देखकर चोक जाती है क्योंकी उसकी डेट जैस्मिन के जन्म के पहले की होती है। वह बहुत गुस्से में सोचती है की जो पापा कुछ महीने पहले उसे सही ग़लत समझा रहेथे वही खुद ग़लत थे।

वोह लिफाफा लेकर अपने पापा के पास गई और उनसे सच्च-सच्च पूछा की "जब उनका और माँ का तलाक हो गया था तोह वह किसकी बेटी है ?" तब राकेश उसकी बातो का कोई जवाब नहीं देते। राकेश की चुपी देख जैस्मिन उनको ग़लत समझ थी है और घर छोड़ कर अपने नानी-नाना के घर जाती है राकेश ने उसको बहुत समझाता है पर वह उसकी एक नहीं सुनती और घर छोड़ कर नानी-नाना के घर गाँव चली जाती हे।

जब जैस्मिन अपने नानी-नाना के घर पहुँचती है तो वोह उनको सच्चाई नहीं बताती और कहती है उनकी कॉलेज में वेकेशन चालू है। राकेश रोज जैस्मिन को फ़ोन पर समझा ने की कोशिस करता है पर जैस्मिन उसकी एक नहीं सुनती है और फ़ोन काट देती है। एक दिन जब जैस्मिन फ़ोन पर अपने पापा से फ़ोन पर बात करती है तब उसकी मौसी अलका उनकी सारी बाते सुन लेती है और जैस्मिन से पूरी बात पूछती है। जैस्मिन उनको सारी बात बताती है तब जैस्मिन सारी बात सुनकर अलका उसे  जोर का तपड़ मरती है। जैस्मिन मौसी के बर्ताव को देख चोक जाती है और उनके इस बर्ताव की वजह पूछती है तब अलका उसको अपनी और उसके पापा-मम्मी की बचपन की बात बताती है।

राकेश और अभिलासा के परिवार सुरु से ही गाँव के राईस और सुखी परिवारो में गिने जाते थे इस वजसे उनके परिवार के रिश्ते बहुत अच्छे थे। बचपन से ही अभिलासा ,अलका और राकेश साथ में पढ़ते लिखते ,साथ साथ खेलते। राकेश बचपन से ही अभिलासा से प्यार करता था पर यह बात अभिलासा को पता नहीं थी पर अलका को पता थी इसी लिए वह राकेश को पसंद नहीं करती थी क्योकि उसको डर था की राकेश उसकी बहेन का ग़लत फायदा उठाएगा। तीनो पढ़ाई बहुत अच्छे थे अच्छे नंबर से पास होने की वजे से तीनो को डेल्ही की अच्छे मेडिकल कॉलेज में अड्मिनशन मिल गया तीनो गाँव छोड़ कर डेल्ही आगये पढ़ाई के लिए।

समय बीतता जारहा था। राकेश ने सोचा की उसको अपने मन की बात अभिलासा को बताने में देर नहीं करनी चाहिए तोह वह अभिलासा को बात बताने के लिए वेलन्टाई डे पसंद करता है और वेलन्टाई डे की साज को अभिलासा के पास जाता है और उससे बात करता है पर अभिलासा उसे उसकी बात सुरु करने से पहले अपनी बात करती है और उस समय अलका का भी वाह होती हे अभिलासा राकेश को बताती हे की उसको आज एक लड़के ने परपोज़ किया जिसका नाम माइकल होता है और वह भी माइकल को मनी-मन पसंद करती है.अभिलासा राकेश से पूछती है की "वोह अब क्या करे ?" तब राकेश अपने चहेरे पर जूठी हँसी लेकर बोल था है की उसमे क्या सोचना तुम उसे प्यार करती हो तोह उसे अपनी दिल की बात बताने में देर मत करो। अभिलासा राकेश का जवाब सुन कर उसे गले लगाती और कहती है की "में जानती थी की तुम मेरे मन की बात जरूर समझो गए ,तुम मेरे सच्चे दोस्त हो ". उतना कहकर वह से चली जाती है। अभिलासा के जाने के बाद अलका राकेश से पूछती है की "जब तुम मेरी दीदी से बचपन से प्यार करते हो तोह तुमने उनको अपनी मन की बात क्यों नहीं बताई और उनको तुमने अपने दूर क्यों कर दिया ?" राकेश भरे मन से उसकी बात का जवाब देता कहता है की "वह अभिलासा से बचपन से प्यार करता है इसी लिए वह अपनी मन की बात बता कर दुःखी नहीं करना चाहता था" इतना कह कर राकेश वह से चला जाता है। राकेश की बात सुनकर अलका राकेश की इज्जत करने लगी थी।



समय अपनी गति से आगे बढ़ता रहा और कॉलेज की लास्ट एग्जाम के एक महीने पहले अभिलासा से घर से फ़ोन आया और उसको और अलका को एग्जाम ख़त्म होने के बाद घर अपने गाँव बुलाया। जब एग्जाम ख़त्म हुई और अभिलासा और अलका अपने गाँव गई तब उनको पता चला के उनके परिवारवाले अभिलासा की शादी की तैयारी कर रहे थे, पर अभिलासा तोह माइकल से प्यार करती थी पर माइकल के बारे में अपने घरवालो से बात भी नहीं कर सकती थी  क्योकि माइकल एक  क्रिचियन था और उसके परिवारवाले उनकी शादी के लिए कभी  राजी नहीं होते। उसने यह बात राकेश को बताई और राकेश ने उसे सब सही करने का वादा किया।

अगली सुबह राकेश अभिलासा के घर गया और अभिलासा के पिता से अभिलासा से शादी करने की बात की। उसकी बात सुन कर अभिलासा के पिता बहुत खुश हुए और राजी हो गये शादी के लिए। राकेश के इस कदम से अभिलासा और अलका दोनों को गहरा जतका लगा पर परिवार के अभिलासा ने राकेश से शादी करली।



कुछ दिनों बाद राकेश ने अपने और अभिलासा के परिवार को आगे की पढ़ाई के लिए अमेरिका जाने की बात बताई और घरवालो ने भी जाने की अनुमति देदी। अमेरिका जाने के जब अलका ,अभिलासा  और राकेश एयरपोर्ट पहुचे तब वह माइकल को देख अभिलासा और अलका चोक जाते है और राकेश की तरफ देखते है। राकेश अपनी जेब से तलाक के पेपर निकाल कर अभिलासा को दे दिए। और दस्कत करने को कहा और माफ़ी मागि की उसे उन दोनों को मिलाने के लिए तुमसे शादी करनी पड़ी। अभिलासा यह सब सुनकर राकेश को गले लगा कर थैंक यू बोलती है और पेपर पर दस्कत करती है। फिर माइकल और अभिलासा अपनी फ्लाइट पकड़ कर अमेरिका चले जाते है और अलका और राकेश अपनी फ्लाइट पकड़ कर चले जाते है। अलका अब राकेश को पसंद करने लगती है पर बोलती नहीं है।

कुछ २ साल बाद जब राकेश और अलका अपनी पढ़ाई ख़त्म करके भारत वापस जाने को निकल रहे होते है तब उनको एक फ़ोन आया होता है यह फ़ोन अभिलासा का होता है और वह फ़ोन पर रोह रही होती है तब राकेश उसको मिलने को बोलता है तब अभिलासा उसको एक हॉस्पिटल का एड्रेस बताती है जब वह हॉस्पिटल पहुँचते है तब उनको पता चलता है की माइकल ने उसको दोखा देकर माँ बना के छोड़ देता है और अभिलासा को ट्यूमर होता है  तब उसके पास कुछ ही दिन बचे है जीने के लिए तब वह राकेश के हाथ में एक साल की बेटी देती है  कहती है की वोह इसको अपनी बेटी बनाकर बड़ी कर और अपनी माँ की गलती के बारे में कभी नहीं बताने का वादा करने को कहती है। राकेश उसको वादा करता है की वोह उसको अपनी बेटी की मान कर ही उसकी परवरिश करेगा और अपनी माँ की गलती के बारे में कभी नहीं बतायगा। अभिलासा के मरते समय भी राकेश अभिलासा को नहीं बताता है की वोह उससे प्यार करता है क्योकि वोह जनता था की अगर उसको पता चला तोह उसे बहुत दुःख होगा। कुछ दिन बाद अभिलासा की मोत हो जाती है.

जब राकेश और अलका भारत वापस आते है १ साल की बेटी की साथ तब अलका राकेश से कहती है की वह राकेश से बहुत प्यार करती है और शादी करना चाहती है तब राकेश उसे मना कर देता है कहता है की वह अभिलासा की दिये गई जिमेदारी के अलावा और कोई जिमेदारी नहीं उठाना चाहता है और अपनी एक साल की बेटी को लेके डेल्ही चला जाता है.

जैस्मिन पूरी कहानी सुनकर अपने पर बहुत ही गुस्सा होती है और अपने पापा से माफ़ी मागने के लिए फ़ोन करती है पर उसके पापा फ़ोन नहीं उठाते है वोह सोचती है की उसके पापा शायद हॉस्पिटल गए होंगे वोह दूसरे दिन ही अपने घर डेल्ही वापस आती पर वोह अपने पापा से माफ़ी नहीं मांग सकती थी क्याकि उसके पापा ने उनकी याद में ख़ुदकुशी कर लिती थी....... 😭😭😭😭


          
         Some LOve Story .........
                                                 Don't have Happy Ending      


So, Friends never be late to say "I Love You", because  sometime life can not give a second chance.........😊😊

Please give me your comment about my story........
                                                                                   Bye

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